2025, Vol. 12, Issue 1, Part E
योग एवं मानसिक स्वास्थ्य
Author(s): शिल्पा शर्मा
Abstract:योग का अर्थ है जोड़ना अब प्रश्न होता है किससे किसको जोड़ना उत्तर है स्वयं को स्वयं से जोड़ना जिसमें हम स्वयं से जुड़ने की सक्षम हो सकते हैं जब तक हम अपने से जुड़े नहीं है दूसरों से जुड़ नहीं सकते स्वयं से जुड़ने ही योग है अर्थात योग अवस्था में एक ऐसी अवस्था है जहां पर प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वयं को ही फिट और स्वस्थ रखना चाहता है प्राचीन काल से ही योग और ज्ञान का अभ्यास किया जाता रहा है योग का शाब्दिक अर्थ है बेल के कंधों पर रखा जाने वाला योक माना जाता है इसका व्यापक अर्थ ब्रह्मांड की शक्ति माना जाता है योग इसका व्यापक अर्थ है ब्रह्मांड की शक्ति माना जाता है ईश्वर के साथ जिस समय व्यक्ति के द्वारा गठबंधन प्राप्त किया जाता है इस समय इसके द्वारा विशेष रूप से योग की विभिन्न क्रियो के प्रति आकृति हुआ जा सकता है योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'युज' धातु से हुई है इसका मतलब जोड़ना या युग्म बनाना या संयुक्त होना योग छात्रवृत्ति निरोग है यानी योग का मूल उद्देश्य मां की अस्थिरता को दूर करना है यह भी कहा गया है योग और व्यायाम में एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि योग में शारीरिक गति और सांस लेने तथा आत्म चेतना के बीच पूरा ताल में रहता है व्यायाम में शारीरिक अंगों में गतिशीलता रफ्तार मांसपेशियों का सामान्य सकुशल यानी आइसोटोनिक होता है जबकि योगासन में यह स्थिर मंद और आइसोमीट्रिक होता है देखा जाता है कि योग के द्वारा मनुष्य के द्वारा मनुष्य को ईश्वर के साथ जोड़ने का कार्य किया जाता है जिससे मनुष्य के द्वारा भली भांति उन्नति की ओर अग्रसित हुआ जाता है इसके समझ उपस्थित होने वाली सभी प्रकार की समस्याओं का निर्धारण करने में भी विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है योगाभ्यास एवं ध्यान से शरीर में लचीलापन या एकाग्रता मानसिक स्थिति में सकारात्मक प्रभाव देखे गए।
Pages: 328-330 | 226 Views 113 DownloadsDownload Full Article: Click Here
How to cite this article:
शिल्पा शर्मा. योग एवं मानसिक स्वास्थ्य. Int J Phys Educ Sports Health 2025;12(1):328-330.