मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में शारीरिक शिक्षा और खेल का प्रभाव
Author(s): पुष्पेंद्र कुमार अहिरवार
Abstract: शारीरिक शिक्षा एवं खेल युवाओं एवं महाविद्यालयीन छात्रों के भविष्य निर्माण में एक महत्वपूर्ण आयाम है। संस्थानिक स्तर पर मुहैया कराई गई सुविधाएं एवं अवसर युवाओं के लिए बेहतर कॅरियर निर्माण के दरवाजे खोलते हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य है की ‘मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में वर्तमान में शारीरिक शिक्षा एवं खेल’ के माध्यम से क्या प्रभाव देखा जा रहा है। वर्तमान स्थिति जानने हेतु सर्वेक्षण के माध्यम से डाटा और सूचनाओं को सावधानीपूर्वक संकलित प्रश्नावली के माध्यम से एकत्र किया गया हैl ऑनलाइन माध्यम से गूगल फॉर्म पर 12 प्रश्नों की प्रश्नावली 200 महाविद्यालय क्रीड़ा अधिकारियों को 15 मार्च 2023 को भेजी गई जिनमें से 44 ने अपने जवाब भेजे हैं और सही जानकारी मुहैया कराई है। उनकी सही जानकारी को इस अध्ययन के नमूने के रूप में माना गया है। एकत्रित किए गए डाटा के विश्लेषण और शिक्षा के उद्देश्य, उनसे प्राप्त प्रतिक्रियाओं को सरल प्रतिशत में परिवर्तन किया गया है। प्रमुख निष्कर्षों से पता चलता है कि जिन महाविद्यालयों में अभी नियमित क्रीड़ा अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है वहां राज्य शासन सुनिश्चित करें कि नियमित अथवा अस्थाई क्रीड़ा अधिकारी की नियुक्ति करें। समय पर महाविद्यालयों में खेल के मैदानों का निर्माण हो सके, शारीरिक शिक्षा एवं खेल से जुड़े हुए विभिन्न कार्यक्रम कॉलेज स्तर पर किए जाएं ताकि समय रहते हुए विद्यार्थियों को सही जानकारी और मौके मिल सके ताकि उनका भविष्य निर्माण सुनिश्चित हो।