2022, Vol. 9, Issue 6, Part B
माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के समायोजन एवं शरीर द्रव्यमान सूचकांक पर योग के प्रभाव का अध्ययन
Author(s): डॉ. अमन सिंह सिसोदिया एवं नवीन कुमार मेहरा
Abstract:स्वास्थ्य वह अवस्था है जो बिमारियों से शरीर को मुक्त रखती है और स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन को दर्शाती है। रोगयुक्त होना वर्तमान में स्वास्थ्य का पहला लक्षण है। स्वस्थ शरीर के कारण मन सक्रिय होकर सभी कार्य करता है। परन्तु रोग और दुर्बलता से मुक्ति मात्र ही स्वास्थ्य नहीं है अपितु पूर्ण शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक सुख ही स्वास्थ्य है। स्वास्थ्य शरीर की वह अवस्था होती है, जिससे मनुष्य अपना जीवन सुचारू रूप से जीने योग्य बनाता है।
जो बालक माता-पिता, परिवार व शिक्षकों से सही मार्गदर्शन प्राप्त नहीं कर पाता उसे समायोजित होने में कठिनाई आती है। बालक के समायोजन में सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बालकों पर शिक्षकों एवं विद्यालय के वातावरण का भी प्रभाव पड़ता है। विद्यालय में वह अपने आन्तरिक ज्ञान को विकसित कर भावी जीवन की शुरूआत करता है। शिक्षा द्वारा विद्यार्थी स्वयं को सामाजिक वातावरण में समायोजित करने का प्रयत्न करता है। बालक में जन्मजात उपस्थित गुणों का परिमार्जन विद्यालय वातावरण के अन्तर्गत होता है। विद्यालय की शिक्षा ही वह आधारशिला होती है जो बालक के ज्ञान एवं नवीन अवधारणाओं का निर्माण कर उनका विकास करती है।
विद्यार्थी अपने चारों ओर जब शारीरिक एवं मानसिक दुर्बलताओं के शिकार व्यक्तियों को देखता है और यह अनुभव करता है कि वह चारों ओर समस्याओं से घिरा है तथा प्रतिदिन शारीरिक व मानसिक रूप से निर्बल हो रहा है। वर्तमान में योग के द्वारा व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को उपयुक्त रख सकता है।
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How to cite this article:
डॉ. अमन सिंह सिसोदिया एवं नवीन कुमार मेहरा. माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के समायोजन एवं शरीर द्रव्यमान सूचकांक पर योग के प्रभाव का अध्ययन. Int J Phys Educ Sports Health 2022;9(6):130-133.