"International Journal of Physical Education, Sports and Health"
2016, Vol. 3, Issue 6, Part A
अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न दुष्प्रभावों की प्राणायाम पद्धति के द्वारा चिकित्सा-एक विवेचन
Author(s): डाॅ0 निष्कर्ष शर्मा
Abstract: शारीरिक एवं मानसिक अस्वस्थता का एक प्रमुख कारण वर्तमान जीवन शैली है। वर्तमान जीवन शैली में काम का बोझ, देर से सोना, जल्दी न जागना या देर तक सोते रहना, समय की कमी के चलते खान-पान से समझौता करना, आहार में संतुलित पदार्थों की कमी, योग-व्यायाम के अभ्यास की कमी, त्रुटिपूर्ण मुद्रा में बैठना, पर्याप्त विश्राम न करना आदि आते है, जिससे शारीरिक तथा मानसिक रोगों की उत्पत्ति होती है। मानव शरीर एक जटिल रासायनिक संरचना से चलता है। शरीर की जैविक घड़ी में शरीर की प्रत्येक रासायनिक क्रिया के संचालन के लिये एक विशेष समय निर्धारित होता है। मानव शरीर की सभी रासयनिक क्रियायें अनियमित हो जाती हंै अतः अनियमित आहार-विहार अस्वस्थता का एक प्रमुख कारण है। प्राणायाम एक शारीरिक व मानसिक व्यायाम के साथ-साथ एक प्राणवाहक बल का कार्य करता है। प्राण शक्ति के केन्द्रित तथा ऐच्छिक बल से मस्तिष्क तथा शारीरिक अंगों के अवरोध दूर होते हैं। इस कारण से प्राणायाम को गम्भीर शारीरिक एवं मानसिक रोगों की चिकित्सा हेतु उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान समय में अधिकाँश मनुष्य सामान्य मानसिक रोग जैसे- चिन्ता, अवसाद, भय आदि से पीड़ित हंै। व्यस्त जीवन शैली में प्राणायाम अर्थात् ऐच्छिक श्वास-प्रश्वास के थोड़े समय के अभ्यास से भी मानसिक स्थिरता प्राप्त कर अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न रोगों से दूर रहा जा सकता है।
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How to cite this article:
डाॅ0 निष्कर्ष शर्मा. अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न दुष्प्रभावों की प्राणायाम पद्धति के द्वारा चिकित्सा-एक विवेचन. Int J Phys Educ Sports Health 2016;3(6):03-05.